Wednesday, August 25, 2010
तुम कब लोट आ वोगे ......
मुझे नहीं पता चिड़िये के उस जोड़े को
कितना समय लगा होगा अपना घोसला बनाने में
फिर उसने अंडा दिया उसे बचाया ....
वर्षा /धुप /शीत और दुश्मनों से
रोज बच्चों को छोड़कर उसकी माँ .....सुबह में
निकल जाती घोसले से खाने की तलाश में
शाम को उसे बड़ा सकून मिलता
जब वह बच्चों के चोंच में डालती अन्न के दाने
समय गुजरता गया माँ के बाहर निकले , बच्चे
देश-दुनिया देखा ... उन्हें अपना घोसला छोटा नज़र आया
फिर कुछ बाद .... वे बच्चे लौटकर घर न आये
चिड़ियों का जोड़ा अब वृद्ध हो चूका है
उसे अब भी इंतज़ार है अपने लाडलों के आने का
"क्या उसके बच्चे अपने माँ -बाप को देखने लौटेगे " जरा सोचिए ........................
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